पुलिस केस में जब्त गाड़ी या सम्पत्ति कोर्ट द्वारा कैसे छुड़वाते हैं | पुलिस द्वारा जब्त की गई संपत्ति को कैसे छुडवाएँ ?

Police case me jabt gadi car kaise chudvaye, police dvara jabt gadi kaise nikale,आप कभी भी किसी पुलिस थाने में गए होंगे तो आपने देखा होगा कि वहां पर बहुत सारी कारें , बाइक या अन्य वाहन आदि चीजे रखी होती हैं , परन्तु क्या आपने कभी सोचा है, कि ये सारी चीजें वहां पर क्यों है और कहाँ से आई हैं ? अगर आप नही जानते हैं तो आइए आज हम आपको बताते हैं कि पुलिस थाने में इतनी सारी चीज़ें कहाँ से आती हैं ।


वाहन या सम्पत्ति जब्ती के संबंध में कानूनी प्रावधान -


पुलिस कोई भी संपत्ति जब्त क्यों करती है, क्या हैं जब्ती का असली कारण -

1. अगर कोई भी संपत्ति किसी अपराध से जुड़ी हुई होती है जैसे- वाहन , मोबाइल , कंप्यूटर , हथियार आदि तब पुलिस अधिकारी द्वारा धारा 102 सीआरपीसी के अंतर्गत उस सम्पत्ति को जब्त कर लिया जाता है, ताकि अपराध से जुड़ी जांच में लिया जा सके और उसका जब्ती पंचनामा आदि तैयार करके न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत की जा सके।


2. CrPC ( भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता ) की धारा 102 के अनुसार , पुलिस अधिकारी द्वारा किसी भी ऐसी संपत्ति को जब्त किया जा सकता है , जिस सम्पत्ति के बारे में यह संदेह हो,  कि वह सम्पत्ति चुराई हुई है या यह संदेह हो कि किसी अपराध को घटित करने में उक्त सम्पत्ति का प्रयोग किया गया हो।


अचल संपत्ति से सम्बंधित सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि  -


नेवादा प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड बनाम महाराष्ट्र राज्य के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा यह तय किया गया था कि पुलिस के पास सी.आर.पी.सी. की धारा 102 के तहत जांच के दौरान  अचल संपत्ति को जब्त करने की शक्ति नहीं है ।

 

Delivery name, Bhartiya dand prakriya sahita, crpc, Section 451, dhara 451, 457 crpc, Section 451 crpc,
Supurdagi Nama


पुलिस द्वारा जब्त गाड़ी या संपत्ति कोर्ट द्वारा कैसे छुड़वाते हैं -


1. यदि कोई भी संपत्ति पुलिस द्वारा जब्त कर ली गयी है , तब आप संबंधित कोर्ट में Section 451 CrPC के तहत संपत्ति को छुड़वाने के लिए याचिका दायर कर सकतें हैं । इस याचिका को आमतौर पर सुपुर्दगी आवेदन ( Delivery application ) भी कहा जाता है । 


2. CrPC सीआरपीसी की धारा 451 के तहत , कोई भी न्यायालय किसी मामले की जांच या सुनवाई के दौरान पुलिस द्वारा जब्त की हुई संपत्ति को रिलीज़ करने का उचित आदेश पारित कर सकता है ओर यदि हो तो सम्पत्ति से सम्बंधित कोई शर्तें भी लगा सकता हैं जैसे - केस जब तक चलेगा तब तक सम्पत्ति को बेच नही सकता हैं आदि ।

सुप्रीम कोर्ट का महत्त्वपूर्ण फैसला -


भारत के कई पुलिस स्टेशन जब्त की गई गाड़ियों, संपत्तियों या वस्तुओं से भरे पड़े हैं और उन संपत्तियों के दुरुपयोग होने या क्षति होने की शिकायतें भी बहुत आम बात है ।

तो जब्ती के सम्बंध में माननीय सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले सुंदरभाई अंबालाल देसाई बनाम गुजरात राज्य के मामले में इस बात को संज्ञान लेते हुए एक महत्वपूर्ण दिशानिर्देश जारी किए गए थे जिनमे से कुछ निम्नलिखित हैं -

  • किसी भी पुलिस थाने में रखी हुई जब्त संपत्तियों को नुकसान से बचाने के लिए धारा 451 सीआरपीसी के तहत शक्ति का प्रयोग तुरंत और जल्द से जल्द किया जाना चाहिये।


  • कई अपराधों में जब्त वाहनों को पुलिस स्टेशनों पर लंबी अवधि तक रखने का कोई फायदा भी नहीं है ।


  • यदि केस में किसी भी समय आवश्यक होने पर , मजिस्ट्रेट , वाहन की वापसी के लिए बॉन्ड और गारंटी के साथ - साथ चाहे तो सिक्योरिटी लेकर तुरंत  उचित आदेश पारित कर , उसके मालिक को सम्पत्ति सुपुर्द करें ।
Supurdagi kaise banate hai, Supurdagi kya hai, supurdagi kya hota hai, supurdagi kya matlab hai, Court se gadi kaise nikale, gadi kaise prapt kare, supurdagi meaning in Hindi, supurdagi treaty,

  • अगर कहीं अभियुक्त , मालिक , बीमा कंपनी या किसी अन्य व्यक्ति द्वारा वाहन आदि का दावा नहीं किया जाता है, तो ऐसी स्थिति में न्यायालय की प्रक्रिया द्वारा वाहन या सम्पत्ति को नीलाम करने का आदेश प्रदान कर सकता हैं।


महत्वपूर्ण सुझाव -


1. यदि किसी भी मामले में पुलिस द्वारा आपकी कोई संपत्ति जब्त कर ली गई है, तो उसे छुड़वाने के लिए आप संबंधित मजिस्ट्रेट के समक्ष सुपुर्दगी याचिका अवश्य लगाएं ।


2. ध्यान देंने की बात यह है कि आपको ऐसी संपत्ति सुपुर्दगी पर वापस मिलती है , तो इसका यह मतलब है , कि आपको उस संपत्ति को केस की सुनवाई खत्म होने तक सुरक्षित रखनी होती है , तथा जब भी कोर्ट आदेश करें तब आपको उस सम्पत्ति को कोर्ट में पेश करना होता है ।


जानकारी अच्छी लगे तो Follow & Share करें जिससे आपको नई-नई जानकारी मिलती रहे।