डॉक्टर की लापरवाही पर कानूनी कार्यवाही कर सकते हैं आप | मरीजों के पास है ये अधिकार । Legal Action on Doctor's Negligence.
डॉक्टर की लापरवाही पर कानूनी कार्यवाही कर सकते हैं आप | मरीजों के पास है ये अधिकार ।Legal Action on Doctor's Negligence.
SachinLLB :- कोई भी डॉक्टर अपने अनुभव और कौशल से लोगों का इलाज करते हैं, और उनकी जान बचाते हैं परन्तु दुर्भाग्यवश कई बार डॉक्टर की लापरवाही ( doctor's negligence ) से मरीज सही होने की बजाय ओर अधिक बिगड़ जाता है ।
हमने देखा होगा कि कई बार डॉक्टर की लापरवाही के मामले हमारे सामने आते रहते हैं, जिनमें डॉक्टर , प्राइवेट हॉस्पिटल, नर्सिंग होम आदि की लापरवाही के कारण कई मरीजों को क्षति पहुंचती है, बल्कि अनेकों मामलों में तो उनकी मृत्यु तक हो जाती है । तब ऐसे में आप क्या कर सकते है, आइए हम आपको बताते हैं कि डॉक्टर की लापरवाही के मामलों में आप क्या कानूनी कार्यवाही कर सकते हैं या क्या कानूनी अधिकार आपको प्राप्त है।
डॉक्टर की लापरवाही क्या होती है | What is the negligence of the doctor -
1. डॉक्टर का सर्वप्रथम यह कार्य आवश्यक है , कि वह मरीज का इलाज करते वक्त अपने ज्ञान, कौशल, अनुभव का इस्तेमाल करते हुए उचित सतर्कता बरते यदि कोई डॉक्टर बिना, ज्ञान के मरीज का ईलाज करता है तो यह डॉक्टर की लापरवाही होती हैं।
2. यदि डॉक्टर ने इलाज के लिए मरीज को भर्ती कर रखा है और उसका इलाज समय पर नही करता है, जिसकी वजह से मरीज को कोई हानि हो जाती है तो डॉक्टर को चिकित्सीय लापरवाही का जिम्मेदार माना जाएगा ।
3. यदि डॉक्टर उचित सतर्कता बरतते हुए उचित चिकित्सा पद्धति से मरीज का उपचार करता है, और मरीज को किसी प्रकार की क्षति या हानि हो जाती है , तब डॉक्टर को उसके प्रति जिम्मेदार नहीं माना जाता है।
4. कोई भी डॉक्टर केवल इसलिए ही लापरवाह नहीं माना जा सकता हैं कि मरीज के साथ कोई अप्रिय घटना हो गयी हो । किसी भी मेडिकल प्रैक्टिशनर को तभी जिम्मेदार माना जाएगा जब उसका व्यवहार चिकित्सा क्षेत्र में ज्ञान सम्पन्न सक्षम प्रैक्टिशनर के मानदंड से कहीं नीचे रहा है।
5. किसी भी चिकित्सक की लापरवाही का निर्धारण इस बात से होता है कि क्या डॉक्टर ने ऐसी कोई लापरवाही की है जो उसी श्रेणी का सामान्य कौशल वाला डॉक्टर भी नहीं करेगा ।
6. किसी भी डॉक्टर को लापरवाह तब माना जायेगा जब मरीज की बीमारी के अनुसार उचित इलाज किया गया है या नहीं ? मतलब यदि मरीज को टीबी है, तो डॉक्टर को टीबी की ही दवा देनी चाहिए, यदि वह टीबी के मरीज को दूसरी दवा देता हैं तो उसको इलाज में लापरवाही का दोष माना जाएगा।
Doctor Negligence |
डॉक्टर की लापरवाही की शिकायत यहाँ कर सकते हैं | Doctor negligence complaint -
- इंडियन मेडिकल काउंसिल ( IMC ) अधिनियम , 1956 के तहत गठित राज्य चिकित्सा परिषदों को की जा सकती हैं , जहां आरोपी डॉक्टर पंजीकृत हैं ।
- अगर कोई मरीज या उसके परिजन राज्य परिषद की कार्यवाही या निर्णय से संतुष्ट नहीं है, तो मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ( Medical Council of India ) का दरवाजा खटखटाया जा सकता है ।
उपभोक्ता न्यायालय ( कंजूमर कोर्ट ) -
1. यदि किसी मरीज की मौत या कोई अन्य हानि चिकित्सा लापरवाही की वजह से होती हैं, तब ऐसी स्थिति में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत उपभोक्ता कोर्ट में मुआवजे के लिए परिवाद लाया जा सकता है ।
2. सुप्रीम कोर्ट ने 1995 में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन बनाम वी पी सनाथा के मामले में ऐतिहासिक निर्णय सुनाया जिसमे चिकित्सा पेशे को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत लाया गया ।
क्रिमिनल केस Criminal Case -
1. यदि आप इलाज में लापरवाही करने के जुर्म में किसी डॉक्टर के खिलाफ क्रिमिनल केस करना चाहते हैं , तो धारा 304 - ए , 337 और 338 भारतीय दंड संहिता यानी आईपीसी ( IPC ) के तहत प्रावधान मौजूद हैं , जिसमे 6 माह से लेकर 2 साल तक की सजा और अर्थदंड ( जुर्माना ) दोनों हो सकते हैं ।
2. आईपीसी I P C की धारा 304-ए के अंतर्गत वो मामले आते है, जिसमे इलाज में डॉक्टर की लापरवाही से मरीज की मौत हो जाती है, जबकि I P C की धारा 337 और 338 में वे मामले आते है, जिसमे डॉक्टर की लापरवाही से मरीज़ को क्षति पहुंचती है ।
Legal Action on Doctor's Negligence |
सिविल केस Civil Case -
1. सिविल केस डॉक्टर के साथ-साथ हॉस्पिटल , हेल्थ सेंटर और नसिंग होम के खिलाफ भी किया जा सकता है, केस मरीज या मरीज के परिजनों द्वारा क्षति या नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा मांगा जा सकता है।
2. जब भी आप डॉक्टर के लापरवाही करने पर उसे दण्ड दिलाना चाहते हैं तो आप क्रिमिनल कार्यवाही करने की बजाय सिविल कार्यवाही करें क्योंकि सिविल कार्यवाही ज्यादा सुविधाजनक होती है और डॉक्टर की सिविल लायबिलिटी को साबित करना भी काफी आसान होता है ।
महत्वपूर्ण सुझाव -
1. जब कभी भी आप इलाज करवाने जाए तो केवल रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर , क्लीनिक या हॉस्पिटल आदि से ही करवाएं ।
2. जब भी आपके द्वारा इलाज करवाया जाता हैं तब इलाज से संबंधित समस्त दस्तावेज, मेडिसिन पर्ची और बिल संभाल कर रखें ,यह समझदारी और जागरूकता का परिचय भी हैं।
3. इलाज के दौरान आपको किसी चिकित्सीय लापरवाही का अंदेशा मालूम होता है तब उससे संबंधित सबूतों को जुटाने में काफी मदद मिल सकती हैं।
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