प्रतियोगी परीक्षा वालों का जीवन एक अनोखा जीवन होता है!
 इसमें हजारों लाखों करोड़ों लोग आपको ताने मारते हुए दिखते हैं !
इंसानों के बीच में यदि आपने अपने लक्ष्य को नहीं छोड़ा तो आप एक दिन उनको ताने मारने की जैसे बन जाओगे नहीं तो उम्र भर हम कभी भी अपने आप को यह कहने के लायक नहीं होंगी कि हमारे पास टाइम पैसा या खुद पड़ने की संभावना नहीं थी!
 सब कुछ होते हुए हमने जानबूझकर अपने दोस्तों पड़ोसी या परिवार या समाज आदि के कहने की वजह से हम लोग ऐसा कुछ नहीं कर पाया जिसे हम तहे जी जान से पाना चाहते थे लेकिन छोटी-छोटी समस्या के बीच हमने अपने लक्ष्यों को बार-बार बदलाव करते रहे और निरंतर कभी भी हम नहीं एक तरीके कि लक्ष्य के ऊपर कभी अपना ध्यान नहीं रखा!
 हम हमेशा मेरा भाई मेरा दोस्त मेरा पड़ोसी मेरी समाज क्या कहेगी क्यों कहेगी कैसे कहेगी इन्हीं बातों के ऊपर हमेशा अपना ध्यान गया और हमने अपने लक्ष्य के साथ बहाने बनाना शुरु कर दिया और इन्हीं बयानों की वजह से आज हमें अपना सब कुछ त्याग कर लोगों के अपनाए हुए रास्तों पर चलना पड़ रहा है!
 हमारा सभी प्रतियोगी परीक्षार्थियों से निवेदन है की प्रतियोगी परीक्षाओं को पास करने का सबसे आसान तरीका एक ही है कि आप तब तक लगे रहो जब तक कि आपकी परीक्षा निकल नहीं जाए आप तब तक लगे रहो जब तक की आपके हाथ में आप जिस प्रकार की सैलरी चाहते थे!
 वह आना शुरू नहीं हो जाए मगर बहुत सारी बार किसी की भी कोई गलती नहीं होती है बस एक विद्यार्थी खुद ही अपने मन में मनगढ़ कहानियों को बनाकर उसको अपने सबकॉन्शियस माइंड में सेव कर लेता है !
उसके बाद वह उन्हीं चीजों को दोहराता रहता है की एग्जाम मेरे काम का नहीं है इसे मैं नहीं कर सकता मेरे लिए इससे अच्छे बहुत सारे ऑप्शन है !
मैं पिताजी का काम कर लूंगा इतनी मेहनत में तो मैं अपना बिजनेस खड़ा कर लूंगा अपना व्यापार चला लूंगा अपने पिताजी का काम देख लूंगा लेकिन उस विद्यार्थी को यह बात नहीं पता होती है की प्रतियोगी परीक्षा में आप मानसिक रूप से काम करते हैं!
 जबकि संसार का दूसरा कोई भी काम जब आप करने जाते हैं उस काम में आपको सफलता पाना है तो भी आपको 5 साल लग जाएंगे और यदि आप यहां केवल 1 से 2 साल फिजिकली और मेंटली दिमाग को स्थिर रखकर अपनी मनचाही जो प्राप्त कर सकते हैं उसके बाद आप अपने मन जाए व्यापार को चला सकते हैं तब आपको बढ़ई आनंद आएगा प्रतियोगी परीक्षा पास करने का मूल मंत्र है किसी भी कोचिंग वाले के वहां जाकर अपना सिलेबस पूरा ना करें बल्कि यह सीखें खुद से कैसे पढ़ते हैं यदि आपने एक बार खुद से कैसे पढ़ते हैं आपका सिलेक्शन मिलेगा नहीं तो केवल आप का सिलेबस कंप्लीट होगा पड़ता है कि आप किसी दुकानदार किया कर सिलेबस कंप्लीट करना चाहते हैं या खुद से पढ़ कर सिलेक्शन जाते हैं इलेक्शन का मूल मंत्र है समझ आए या ना आए बार-बार पढ़ते रहे पढ़ते रहें पढ़ते रहे तब तक पढ़ते रहे जब तक हमें जो चाहिए मिल नहीं जाए 
थैंक यू सो मच